दिनांक : 20 अगस्त 2021

सेवा में,

आदरणीय अशोक गहलोत जी
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
राजस्थान सरकार

विषय : भरतपुर के नगर व पहाड़ी तहसील में स्थित आदिबद्री व कनकाचल पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन को अविलंब बंद करा संरक्षित वन घोषित करने के क्रम में

महोदय,

उपरोक्त विषय के संदर्भ में प्रार्थना है कि ब्रज के परम धार्मिक पर्वत आदिबद्री व कनकाचल पर पिछले कई वर्षों से खनन कार्य जारी है जिसके विरोध में यहां के साधु-संत व स्थानीय जनता विगत 10 वर्षों से संघर्षरत है एवं जिसकी पूर्ण जानकारी सरकार को कई बार दी जा चुकि है । उल्लेखनीय है कि पिछले 216 दिनों से आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को पूर्णत: खनन मुक्त कर संरक्षित वन घोषित करने की मांग को लेकर साधु-संतों व स्थानीय ग्रामीणों का धरना डीग के ग्राम पसोपा में जारी है जिसके अंतर्गत हमारे द्वारा कई बड़े प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं। इसी क्रम में विगत 6 अप्रैल को हमारे प्रतिनिधिमंडल की आपसे भी भेंट हुई थी जिसमें आपने शीघ्र ही दोनों पर्वतों को खनन मुक्त कर संरक्षित करने का पूर्ण आश्वासन दिया था एवं इसी आश्वासन के चलते हमने अपने धरने को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रख आंदोलन को स्थगित कर दिया था । लेकिन आज आपके आश्वासन देने के लगभग 4 माह बाद एवं ग्राम पसोपा में जारी धरने के 216 दिन के पश्चात भी अभी तक हमारी पूर्ण न्यायोचित मांगों को लेकर कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई है । विश्वभर के कृष्णभक्तों, पर्यावरणविदों व साधु संतों के अलावा राजस्थान में पड़ रहे ब्रज क्षेत्र के अधिकांश वर्ग के लोग चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान या फिर किसी भी जाति व कौम के हो वह सब आदिबद्री व कनकाचल पर्वत पर चल रहे खनन के सख्त विरोध में हैं ।

यहां यह बताना बहुत महत्वपूर्ण होगा की अब आंदोलनरत साधु संतों व ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हो गया है एवं वह किसी भी सीमा तक जाने के लिए तत्पर हैं। यहां तक कि कई साधु आत्मदाह करने का भी पूर्ण विचार बना चुके हैं वहीं कई सैकड़ों ग्रामीण व साधु-संत आमरण अनशन पर भी बैठने का निर्णय ले चुके हैं| हालहिं में विगत 5 अगस्त को 14 साधू हताश हो कर हज़ारों ग्रामीणों की उपस्थिति में ब्रज के दोनों पर्वतों की रक्षार्थ आमरण अनशन पर भी बैठे थे जिसपर लगभग 5 दिनों के पश्चात मुख्य सचेतक महेश जोशी जी की पहल पर विधायक वाजिब अली जी के आश्वस्त करने पर आमरण अनशन को क्रमिक अनशन में परिवर्तित किया गया जो अभी भी जारी है | पूरे क्षेत्र में व आसपास के इलाके में दोनों पर्वतों पर खनन को लेकर तनाव की स्थिति बन गई है व साथ ही अप्रिय घटनाओं घटित होने की पूर्ण संभावना भी बन रही हैं । इस विषय मे आप भरतपुर के जिला कलेक्टर से तथात्मक विवरण प्राप्त कर सकते हैं ।

अतः आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि जैसा कि आपने साधी संतिओं व ब्रजवासियों को आश्वस्त किया हुआ है, अविलंब कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने का श्रम करें जिससे इस क्षेत्र के पर्यावरण व जनजीवन को भी सुरक्षित किया जा सके एवं विश्वभर के पर्यावरणविदों व कृष्णभक्तों की भावना का सम्मान रख कर ब्रज की अत्यंत महत्वपूर्ण भौगोलिक धरोहर व संस्कृति का समुचित संरक्षण हो सके ।

भवदीय

राधाकांत शास्त्री
प्रतिलिपि:
१. माननीया सोनिया गांधी जी, अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी, नई दिल्ली
२. प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री राजस्थान
३. विशेष सचिव, मुख्यमंत्री राजस्थान