आंदोलन की सक्रिय सदस्यता अभियान की शुरुआत एक माह में एक लाख से अधिक सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य
ब्रज के पर्यावरण संस्कृति व प्राकृतिक संपदा का हनन करने वाला कलयुगी भस्मासुर और ब्रज की उपासना करना ही कृष्ण प्राप्ति का साधन है – साध्वी मधुबनी
आज आदिबद्री वह कनकाचल पर्वत पर हो रहे खनन को पूर्णतया बंद कराने के लिए जारी धरने के 207 वे दिन आंदोलन की आगामी रणनीति को तय करने के लिए आंदोलनकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आदिबद्री धाम में आहूत हुई। महंत शिवराम दास की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर, समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री, सक्रिय सदस्यता अभियान के समन्वयक ब्रजकिशोर बाबा, हरि बोल दास बाबा, भूरा बाबा, मुकेश शर्मा, सरपंच सुल्तान सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बैठक में चुनाव संहिता के अंतराल तक आंदोलन की क्या रणनीति रहेगी इस पर महत्वपूर्ण विचार विमर्श हुआ। गोपी चंद गुर्जर ने बताया कि बैठक में आंदोलन के सक्रिय सदस्यता अभियान को सर्वसम्मति से स्वीकृती दी और एक माह में लगभग एक लाख से अधिक सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस अभियान की जिम्मेदारी मान मंदिर के संत ब्रजकिशोर बाबा को दी गई है । साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में भरतपुर में लागू आचार संहिता के दौरान आंदोलन के अंतर्गत जो बड़े कार्यक्रम होने हैं उनकी भी रूपरेखा तय की गई जिसमें प्रमुख रूप से संत सम्मेलन, गौ सेवक सम्मेलन एवं पर्यावरण सम्मेलन सम्मिलित है। राधाकांत शास्त्री ने बताया की हमने सरकार पर भरोसा कर कि वह कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को संपूर्ण रूप से खनन मुक्त करने की हमारी मांग पर अतिशीघ्र निर्णायक बैठक करके सकारात्मक निर्णय लेंगे, कल साधुओं के आमरण अनशन को क्रमिक अनशन में तब्दील किया है। अगर इस दौरान सरकार अपने वादा अनुसार हमारी मांग को लेकर निर्णायक बैठक नहीं करती है तो आज हमने एक बहुत बड़े आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार कर ली है जिसके अंतर्गत भरतपुर अथवा डीग में कई हजारों की संख्या में साधु-संत, भक्त व स्थानीय ग्रामीण एकत्रित होकर अनिश्चितकालीन महापड़ाव डालेंगे । इसके अंतर्गत बड़े स्तर पर आमरण अनशन एवं अन्य प्रकार के उग्र प्रदर्शन की भी पूरी संभावना है । बैठक के अंदर यह भी तय किया गया की कुछ एक साधु जो ब्रज के पर्वतों के खनन के पक्ष में हैं, उनको संत समाज से बहिष्कृत करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी संपर्क अभियान भी चलाया जाएगा एवं ऐसे साधुओं को बेनकाब करने के लिए देशभर के हर महामंडलेश्वर, संत, शंकराचार्य, पीठाधीश्वर, अखाड़ा प्रमुख आदि से संपर्क साधा जाएगा ।
वही धरना स्थल पर आज दिन भर आसपास के ग्रामीणों का आना-जाना रहा जिन्होंने क्रमिक अनशन पर बैठे ब्रजवासी व संतो के दर्शन के साथ-साथ धरना स्थल पर चल रहे कथा व कीर्तन का लाभ लिया। आज ब्रजकिशोर बाबा, संत सेनानायक, राजीव शर्मा, राधे श्याम बाबा, देवी सिंह क्रमिक अनशन पर बैठे। प्रवक्ता साध्वी मधुबनी एवं संत बरसाना शरण बाबा ने ब्रज के पहाड़ों को ही साक्षात कृष्ण का रूप बताते हुए संदेश दिया की ब्रज के पर्यावरण, प्राकृतिक सम्पदा, संस्कृति व सनातन धर्म की रक्षा ही ईश्वर की सच्ची आराधना है और पूर्व में भी कई भक्तों ने ब्रज की इस प्रकार की उपासना करके ईश्वर का साक्षात्कार किया है। उन्होंने ब्रज के पर्वतों पर खनन कर रहे खनन कर्ताओं को व उनका पक्ष कर रहे लोगों को भस्मासुर की संज्ञा दी। धरना स्थल पर आज सैकड़ों ग्रामीणों व साधु-संतों के अलावा प्रमुख रूप से कृष्ण चैतन्य बाबा, विजय दास बाबा, हनुमान दास बाबा, मोनी बाबा, नारायण दास बाबा, हनी भगत आदि उपस्थित रहे ।