सक्रिय सदस्यता अभियान बना एक बड़ी मुहिम सैकड़ों गांव में आज बनाए गए सक्रिय सदस्य
आंदोलनकारियों का प्रतिनिधिमंडल मिला कई कांग्रेसी नेताओं से; कहा करें ब्रज की संस्कृति व पर्यावरण की रक्षा यही है राजधर्म
आजा आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए जारी धरने के 211 दिन धरना स्थल पर आंदोलनकारियों का क्रमिक अनशन जारी रहा । संत मुन्ना बाबा, साधु रामइच्छा, श्री गोपाल बाबा, वैष्णव जीतू एवं श्रीसिरदी क्रमिक अनशन पर बैठे। वहीं आज धरना स्थल पर जारी कथा कीर्तन में क्रमिक अनशन पर बैठे श्री गोपाल बाबा ने ब्रज के पर्वतों को सुरक्षित करने के लिए पुनः आमरण अनशन करने के लिए हट पकड़ ली जिस पर उपस्थित साधु-संतों और ग्रामवासियों ने उन्हें समझा कर क्रमिक अनशन पर बिठाया। गोपाल बाबा ने कहा कि जब तक हम अपने शरीर की आहुति ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए नहीं देंगे तब तक नहीं लगता है कि ब्रज के यह दिव्य पर्वत सुरक्षित हो सकेंगे ।
इधर कल देर रात आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस के कई नेताओं से मिला एवं उनसे अपील करी कि वे राजधर्म का पालन करते हुए ब्रज की संस्कृति, पौराणिक संपदा एवं ब्रज के पर्वतों की रक्षा करें जो कि हर राजनेता का दायित्व है। इस पर राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया एवं अन्य नेता गणों ने उनकी भावनाओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का पूर्ण आश्वासन दिया ।
वही आज सक्रिय सदस्यता अभियान ने काफी जोर पकड़ा। संत ब्रज किशोर जी के नेतृत्व में जारी सक्रिय सदस्यता अभियान ने आज कई गांवों में सभाएं कर लोगों को प्रेरित कर सक्रिय सदस्यता अभियान से जोड़ा जिनमें बोलखेड़ा, डभाला, रांकोली आदि गांव प्रमुख रहे। अब तक लगभग 1100 से अधिक सक्रिय सदस्य बनाए जा चुके हैं। आज केवल बोलखेड़ा में ही 200 से अधिक व माटुकी गांव में लगभग 100 सदस्यों ने आंदोलन की सक्रिय सदस्यता ली व सीताराम गुर्जर को बोलखेड़ा व पूर्व सरपंच रामधन को माटुकी का ग्राम सचिव नियुक्त किया गया । संत ब्रजकिशोर बाबा ने कहा यह अभियान एक बहुत बड़ी मुहिम का रूप ले रहा है। इस अभियान के तहत हम ब्रजवासियों को न केवल ब्रज के पर्वतों की रक्षा के बारे में जागृत करने हैं अपितु इस प्रकार से हम सब संगठित होकर ब्रज संपूर्ण ब्रज को एक विकसित एवं अलौकिक प्रदेश बना सकते हैं इस बारे में भी जानकारी साझा कर रहे हैं और निश्चित कर रहे हैं कि ब्रज के सर्वांगीण विकास में इन सभी ब्रजवासियों की पूर्ण सहभागिता हो। इस अवसर पर उनके साथ रूपकिशोर, मोहनदास, कन्हैया दास, श्यामसुंदर दास, राजवीर भगत आदि रहे।