विदेशों में भी किया जाएगा आदिबद्री और कनकाचल पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन के विरुद्ध प्रदर्शन

सक्रिय सदस्यता अभियान के तहत आज प्रथम दिन 150 से अधिक ग्रामवासी व वैष्णवों को दिलाई गई सक्रिय सदस्यता की शपथ

हनुमान जी की तरह कभी भी भगवान की सेवा करते हुए थकना नहीं चाहिए और ब्रज की पर्वतों की रक्षा करना ही भगवान की सच्ची सेवा – संत बरसाना शरण

आज कनकाचल व आदिबद्री पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन के विरुद्ध चल रहे धरने के 208 वें दिन सक्रिय सदस्यता अभियान के तहत प्रथम दिन संरक्षक राधाकांत शास्त्री व समन्वयक ब्रजकिशोर बाबा की उपस्थिति में आसपास के गांव में आंदोलन से जुड़े डेढ़ सौ से अधिक ग्रामवासी एवं वैष्णवों को आंदोलन की सक्रिय सदस्यता दिलाई गई । इसके साथ ही सभी ने भगवान आदिबद्रीनाथ के समक्ष ब्रज के पर्यावरण, पर्वतों व पौराणिक संपदा की रक्षा करने हेतु शपथ ली । इस अवसर पर पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने कहां कि सक्रिय सदस्यता अभियान के तहत हमारा आंदोलन ब्रज के सर्वांगीण विकास के लिए एक विशाल व मजबूत संगठन खड़ा करेगा जो कि सतत ब्रज के पर्यावरण, प्रकृति, संस्कृति व प्राचीन संपदा की रक्षा व संवर्धन के लिए सदा तत्पर रहेगा । ब्रजकिशोर बाबा ने बताया कि इस अभियान के तहत ब्रज क्षेत्र के हजार से अधिक गांवों में समितियों का गठन किया जाएगा एवं हर 10 गांव के लिए मंडल सचिव व संभाग प्रभारी नियुक्त कर इस अभियान को एक मजबूत संगठन का रूप दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक ब्रजभूमि के सेवा के लिए ब्रजवासियों व वैष्णवों की जिम्मेदारी तय की जा सके। उन्होंने बताया कि एक निश्चित प्रक्रिया के तहत सभी पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा। राधाकांत शास्त्री ने कहा कि हमारे पास विदेशों से कई ऐसी प्रार्थना आ रही है कि विदेश की धरती पर भी आदिबद्री व कनकाचल पर्वत पर हो रहे खनन के विरुद्ध प्रदर्शन किया जाए। इस पर आज समिति ने निर्णय लिया है की अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के कुछ शहरों में जहां कृष्ण भक्तों व वैष्णवों की अधिकता है, वहां आदिबद्री व कनकाचल पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन को लेकर प्रदर्शन किया जाए, जिससे यह स्पष्ट संदेश राज्य सरकार के पास पहुंचे कि पर्वतों के संरक्षण का विषय कोई स्थानीय मुद्दा नहीं है अपितु विश्वभर के सनातन धर्मी व कृष्ण भक्त इस गंभीर प्रकरण से जुड़े हुए हैं एवं सभी की मंशा है कि अविलंब ब्रज के दोनों परम आराध्य पर्वतों को खनन मुक्त कर संरक्षित व सुरक्षित हो ।

वही आज धरना स्थल पर आसपास के सेकड़ो ग्रामीण कथा कीर्तन में सम्मिलित हुए। संत बरसाना शरण जी ने तुलसीदास जी के चरित्र का वर्णन करते हुए कहां की हनुमान जी सदैव भगवान की सेवा में तत्पर रहते हैं एवं बिना भगवान की सेवा के उनको विश्राम नहीं मिलता है, ‘रामकाज किए बिनु मोहे कहां विश्राम’, इसी प्रकार हर ब्रजवासी को ब्रजभूमि की सेवा किए बिना चैन नहीं मिलना चाहिए क्योंकि ब्रज के पर्वत एवं पर्यावरण की रक्षा करना ही भगवान की सच्ची सेवा है ।

आज नितिन दास, ओमप्रकाश, राधादास, राधारमण दास व शुकदेव क्रमिक अनशन पर बैठे इस अवसर पर कई साधु-संतों और ग्रामीणों के अलावा भूरा बाबा, हरिबोल बाबा, महंत शिवराम दास, गौरांग बाबा, राधे श्याम, गोपाल मणि बाबा, राधारमण बाबा, सरपंच सुल्तान सिंह आदि उपस्थित रहे।