हरि नामाश्रय से लोक कल्याण की उत्कृष्टभावनाओं को संजोये श्री राधा रानी बृज्यात्रा आज अपने पूर्व पड़ाव मान मन्दिर से चलकर गुलाब सखी की समाधि होते हुए प्रेम सरोवर संकेत बट पहुंची । संकेत बट वह स्थल है जहाँ श्यामा श्याम का प्रथम मिलन हुआ था। आगे दोमिल वन उद्धव क्यार कृष्ण कुंड कदम्ब टेर व आसेश्वर महादेव कर नंद मन्दिर के दर्शन किये। नंद मन्दिर में पहुंचने पर सेवायत गोश्वामी सुशील जी ने एक पुरातन सम्बंध का निर्वाहन करते हुए यात्रा का भव्य स्वागत किया। रात्रि काल में नंद गांव बरसाने के गोस्वामियों के मध्य हास्य विनोद का गायन हुआ जिसने सभी ब्रज यात्रियों का मन मोह लिया।

ब्रज के विरक्त सन्त श्री रमेश बाबा भी नंद मन्दिर पहुचे । अस्वस्थ होने पर भी वे नंद गांव के ब्रजवासियों के प्रेम बन्धन से बन्धे होने के कारण अपने को रोक नहीं सके। पारस्परिक प्रेम की एक अनूठी छवि आज भी यहां प्रस्तुत होती है। कल यात्रा नन्दीस्वर पर्वत की परिक्रमा करेगी और उसके मध्य आने वाले समस्त स्थलों का दर्शन करेगी।