श्री कृष्ण लीला को ब्रह्म्मा जी भी नहीं समझ सके=साध्वी श्रीजी ।
राधा रानी ब्रज यात्रा आज ऋषी गर्गाचार्य जी के गान्ग्रोल गाव से आगे बढी तो भय गांव में साधे श्रीजी ने बताया कि यह वह पावन स्थल है जहां से वरुण्लोक के दूत यमुना स्नान कर रहे नंद बाबा का आपहरण कर ले गये थे।
वरुण जी श्री कृष्ण के दर्शन करना चाहते थे। श्री कृष्ण
नंद बाबा को खोजने वरुण लोक तक पहुंचे । यही भय गांव में गीव गोस्वामी जी की भजन गुफा भी है।
आगे बसई में नंद बाबा ने वास किया था । मई मे भगवान ने ग्वाल वाल तथा बछ्ड़ॉ का रूप धारण किया और सेई मे ब्रह्मा जी चकित हो गये थे की ये तो वही ग्वाल बाल व बछड़े हें जिनका हमने हरण किया था।
हरण के अपराध को मिटाने के लिये ब्रह्माजी ने ब्रज भूमि की परिक्रमा की थी। ब्रज परिक्रमा से सारे अपराधों का शमन हो जाता है।