कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए चल रहे हैं इस आंदोलन में देशभर का संत समाज एकजुट- मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास

जो ब्रज के पर्वतों के खनन के पक्ष में है वह साधु नहीं हो सकता, संपूर्ण संत समाज को उसका बहिष्कार करना चाहिए- फूलडोल बिहारी दास जी महाराज

ब्रज के दोनों दिव्य पर्वतों को खनन मुक्त कराने के लिए आज चौथे दिन भी जारी रहा साधुओं का आमरण अनशन

आज कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए जारी धरने के 205 वे दिन धरना स्थल पर साधु समाज और ग्रामीणों की आंदोलन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें आमरण अनशन पर बैठे साधुओं की स्थिति व आंदोलन को किस दिशा में ले जाना है इस पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई । संरक्षण समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री व महंत शिवराम दास ने कहा कि साधुओं के आमरण अनशन पर बैठने के आज चौथे दिन पर भी सरकार द्वारा अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि साधु-संतों की पीड़ा को सरकार अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने राजस्थान के मुख्यमंत्री पर भरोसा जताया है क्योंकि उन्होंने ही 2009 में ब्रज के इन पर्वत मालाओं के अधिकांश हिस्से को सुरक्षित किया था और अभी भी हमें उन पर विश्वास है लेकिन हमारा संघर्ष उनके खिलाफ नहीं है यह बात हम स्पष्ट करना चाहते हैं हमारा संघर्ष सिर्फ और सिर्फ हमारी ब्रज की पौराणिक संपदा व ब्रज के पर्वतों को बचाने के लिए है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक संपूर्ण ब्रज का पर्वतीय क्षेत्र और हमारी धार्मिक संपदा संरक्षित व सुरक्षित नहीं हो जाती है । वहीं आज आमरण अनशन पर बैठे 14 साधुओं में से 2 की स्थिति गंभीर हो गई है व उनके रक्तचाप में भी गिरावट देखी गई है। इसको लेकर आंदोलनकारी काफी चिंतित है और पुनः सरकार से अपील करी है अति उनकी मांगों पर अविलंब कारवाई की जाए अन्यथा किसी भी साधु के स्थिति गंभीर होते ही सम्पूर्ण देश मे विकट परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है।

इधर संत समाज इस बात को लेकर बड़ा क्षुब्ध हैं कि कुछ साधु वेश धारी इस संपूर्ण आंदोलन की खिलाफत कर रहे हैं व ब्रज के परम आराध्य कनकाचल व आदिबद्री पर्वत के खनन के पक्ष में है। इस विषय में वृंदावन व कई स्थानों के महंत, श्रीमहंत व महामंडलेश्वरों ने अपने बयान जारी कर खनन का पक्ष कर रहे साधुओं की कड़े शब्दों में निंदा करी है। अखिल भारतीय चतु: सम्प्रदाय के अध्यक्ष फूलडोलबिहारी दास जी ने कहा कि जो ब्रज के पर्वतों के खनन के पक्ष में है वह साधु नहीं हो सकता, संपूर्ण संत समाज को उसका बहिष्कार करना चाहिए । उन्होंने यह स्पष्ट कहा की जो कोई भी साधु खनन माफिया के प्रभाव में आकर इस आंदोलन के विरोध में बयान बाजी कर रहा है वह किसी भी स्थिति में संत समाज का प्रतिनिधि नहीं हो सकता व कलयुगी कालनेमि है । उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में भी सारे साधु समाज ने संगठित होकर ब्रज के पर्वतों के रक्षण के लिए आंदोलन किया था और उसके पश्चात ही 2009 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन पर्वतों को खनन मुक्त करवा कर एक अंत्यन्त प्रशंसनीय व देशहित का कार्य किया था।

मलूक पीठाधीश्वर जगद्गुरुद्वाराचार्य राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त करने के लिए चल रही इस मुहिम में ब्रज व भारतवर्ष का संपूर्ण संत समाज सम्मिलित है व मान मंदिर के रमेश बाबा महाराज की प्रेरणा से चल रहा यह आंदोलन ब्रज की आराध्य धरोहर की रक्षा का एक अनुपम कार्य है जिससे हर वैष्णव को जुड़ना चाहिए। जो कोई भी इस सतकार्य का विरोध कर रहा है वह चाहे साधु हो या कोई अन्य,संत समाज को कदापि स्वीकार्य नहीं है। वहीं सुदामा कुटी, वृंदावन के के श्रीमहंत महामंडलेश्वर सुतीक्ष्ण दास ने कहा कि ब्रज वृंदावन का समूचा संत समाज पूज्य रमेश बाबा महाराज के हर ब्रजभूमि की सेवा के लिए किए जा रहे कार्य में संपूर्ण रूप से साथ रहा है, फिर भले ही वह यमुना जी की मुक्तिकरण का विषय हो या ब्रज की संस्कृति अथवा ब्रज के पहाड़ों के रक्षण का कार्य हो, हम सब ब्रज के पर्वतों को बचाने के इस आंदोलन में संपूर्ण रूप से सहभागी हैं। मोर कुटी वृंदावन के महामंडलेश्वर परमेश्वर दास ने ब्रज के पर्वतों की रक्षा के इस आंदोलन को भगवान की सच्ची आराधना बताई वह घोषणा करी कि वृंदावन ही नहीं समूचे भारत के सभी अखाड़े, चतु: संप्रदाय सब इस आंदोलन के साथ हैं, व राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि तत्काल साधुओं की व ब्रजवासियों की प्रार्थना को अविलंब स्वीकार कर ब्रज के दोनों पर्वतों का रक्षण करें । इस आंदोलन का विरोध कर धरने पर बैठे हरिया बाबा के गुरु उड़िया बाबा ने स्पष्ट रूप से घोषणा करी है कि हरिया बाबा एक अच्छे व्यक्ति नहीं है एवं वह लोभ वश कोई भी गलत कार्य कर सकते हैं व किसी भी अनैतिक कार्य में सहयोगी हो जाते हैं । उनमें मदिरापान की भी बहुत बड़ी कमी है एवं नशे की लत लत लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही हरिया बाबा को बुलाकर इस निंदनीय कार्य में भागीदार ना बने इसके लिए समझाएंगे।