पसोपा धरना स्थल पर गूंजी गो संरक्षण व संवर्धन की हुंकार

गो रक्षण और संवर्धन के लिए आवश्यक है आदिबद्री व कनकाचल का अविलंब खनन मुक्त होना – गो रक्षक

ब्रज के पर्वतों को बनाया जाए गोचारण क्षेत्र एवं साथ ही विकसित किया जाए विश्व का सबसे बड़ा गो अभ्यारण – गो रक्षा पंचायत

नंदोत्सव पर भारी संख्या में उपस्थित ब्रजवासियों ने कृष्ण के गोचर पर्वतों को बचाने के लिए खाई सौगंध

ब्रज के दोनों पर्वतों को खनन मुक्त करने हेतु राज्य सरकार को पूर्ण रूप से सहमत करने एवं ब्रज क्षेत्र में सम्पूर्ण गो रक्षण व संवर्धन के लिए हर संभव प्रयास करूंगा – विधायक वाजिब अली

विगत 231 दिनों से ब्रज के परम आराध्य पर्वत कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कर संरक्षित करने के लिए जारी आंदोलन के तहत आज पसोपा ग्राम के धरना स्थल पर एक विशाल गौ रक्षा सम्मेलन एवं पंचायत का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो ग्रामवासियों, साधु संतों, ब्रज प्रांत के 200 से अधिक गौ सेवकों एवं समाज के कई प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया। संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकान्त शास्त्री ने बताया पंचायत के अंत में सर्वसम्मति से गो संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रस्ताव पारित किए गए। उन्होंने बताया कि गौ रक्षा पंचायत में उपस्थित सभी लोगों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है की ब्रज के सभी पर्वतों को स्वतन्त्र रूप से गौचारण हेतु अनुमति दी जाए एवं कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को अविलंब खनन मुक्त एवं संरक्षित किया जाए ताकि गोवंश के विचरण हेतु इन पर्वतों को प्रयोग में लाया जाए। वहीं समिति के महासचिव सुनील सिंह ने कहा कि ब्रज पर्वत एवं संरक्षण समिति द्वारा संपूर्ण ब्रज में गौ सरंक्षण व संवर्धन हेतु गोपालको को गो संवर्धन के आधुनिक व पारंपरिक प्रणाली द्वारा प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसके लिए सरकार और जिला प्रशासन आवश्यक सुविधाएं एवं व्यवस्था की उपलब्धता करवाएं । इससे ब्रज प्रांत के गोपालक पारम्परिक व आधुनिक तकनीक से गौ संवर्धन का कार्य दक्षता के साथ पूर्ण कर सकेगें । इसके लिए ब्रज प्रांत की श्रीमाताजी गौशाला, जहां 55 हजार से अधिक गोवंश का पालन किया जा रहा है उससे संबंधित गौ सेवक व गो चिकित्सक इन कार्यशालाओं में आकर निशुल्क प्रशिक्षण व अपनी सेवाएं देंगे। साथ ही यह भी सरकार से मांग की गई है कि गौ संरक्षण व संवर्धन की दिशा में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ब्रज क्षेत्र में गौवंश के स्वतंत्र विचरण हेतु ब्रज के पर्वतीय क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय गो अभ्यारण का निर्माण किया जाए जिसमें लाखों की संख्या में गोवंश निर्भीक व स्वतंत्र होकर विचरण कर सके जिससे गोवंश द्वारा किसानों की फसल खराब होने की समस्या का भी समुचित समाधान हो सकेगा। साथ ही इस गो अभ्यारण को एक विशेष पर्यटन व इकोलॉजिकल पार्क के रूप में भी विकसित किया जाए जिससे यहां विश्व भर से लोग यहां आकर ब्रज की संस्कृति, ब्रज के प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यावरण व असंख्य गोवंश का दर्शन कर सकें । इसके लिए मान मंदिर सेवा संस्थान, श्री माताजी गोशाला, श्रीब्रज कामद सुरभि वन एवं शोध संस्थान जैसी देश विख्यात संस्थाएं आगे आकर राज्य सरकार के साथ पूर्ण सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

इसी के साथ पंचायत में उपस्थित हजारों की संख्या में ग्रामवासियों, साधु-संतों एवं गौ रक्षकों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील करी है कि वह अपना वादा निभाते हुए अविलंब कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कर संरक्षित करें ताकि ब्रज प्रांत में गौरक्षण व संवर्धन का कार्य निर्बाध रुप से संपन्न हो सकें । इधर कुछ अति महत्वपूर्ण कारण से नगर के विधायक वाजिब अली गौ रक्षा सम्मेलन में सम्मिलित ना हो सके परंतु उन्होंने सम्मेलन व पंचायत को फोन से संबोधित करते हुए आश्वस्त किया कि वह ब्रज के पर्वतों, गोवंश के संवर्धन और संरक्षण के लिए हर संभव कार्य करेंगे एवं ब्रज के पर्वतों को खनन मुक्त करने की साधु संतों व ब्रजवासियों की मांग को पूरा करने के लिए सरकार को हर प्रकार से सहमत करने का प्रयास करेंगें । गौ रक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता मान मंदिर के अध्यक्ष एवं प्रख्यात कथा प्रवक्ता संत रामजी लाल शास्त्री जी ने करी वही इस अवसर पर पंचायत को प्रमुख रूप से आदिबद्री के महंत श्री शिवदास, प्रसिद्ध गौ संत गोपेश बाबा, मान मंदिर के सचिव ब्रजदास, साध्वी दया साध्वी तुंगविद्या, सक्रिय सदस्यता अभियान के संयोजक ब्रजकिशोर बाबा, सर्वर्श्वर दास, किशन चौधरी, बबलू, नाहरसिंह, निरंजन पंडित, शिवराम पहलवान, सीताराम भगत आदि गो रक्षकों ने पंचायत को सम्बोधित किया । गौ रक्षा पंचायत के अंत में डीग एसडीएम हेमंत को पंचायत के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया एवं साथ ही है विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार ब्रज की संस्कृति ब्रज की पौराणिक संपदा, ब्रज के पर्वतों के संरक्षण साथ ही गोवंश के संवर्धन हेतु अविलंब कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कर संरक्षित करेगी।

वही आज धरना स्थल पर आयोजित भागवत कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया साध्वी गौरी ने श्री कृष्ण जन्म की व्याख्या करते हुए कहा कि जब मनुष्य के अंदर सात्विक गुणों का प्रवाह होता है एवं मानव और प्रकृति की निष्काम सेवा की भावना जागृत होती है तब वास्तव में प्रत्येक मनुष्य के अंदर श्री कृष्ण का जन्म होता है और वास्तविक नंदोत्सव वही है जब वह व्यक्ति पूरी उर्जा से समाज, राष्ट्र, पर्यावरण एवं प्रकृति की निष्काम सेवा में लग जाए । इधर भारी संख्या में कथा में उपस्थित ब्रज वासियों साधु संतों ने नंद उत्सव का आनंद लेते हुए मंगल बधाई, कीर्तन, ब्रज के रसियाके ऊपर खूब नृत्य किया वह
साथ ही नंद उत्सव के उपलक्ष में भगवान आदिबद्रीनाथ से ब्रज के दोनों पर्वतों के संरक्षण के लिए प्रार्थना करी।

कार्यक्रम के अंत में भगवान आदिबद्रीनाथ व कनकाचल पर्वत की महाआरती के साथ उपस्थित जनसमुदाय ने पुनः ब्रज की संस्कृति पर्यावरण व पर्वतों के संरक्षण के लिए सौगंध ली।

वही पसोपा धरना स्थल पर 24 वे दिन भी क्रमिक अनशन जारी रहा । आज भूरा बाबा मोनी बाबा, विश्वनाथ, अतुल बाबा व नारायण बाबा क्रमिक अनशन पर बैठे ।