ब्रज के पर्वत आदिबद्री व कनकाचल को खनन मुक्त करने के लिए दिया जा रहा है धरना 201 वे दिन भी जारी रहा

जड़खोर में सैकड़ों गांवों की सरदारी ने सरकार के खिलाफ किया अंतिम लड़ाई का ऐलान

ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा महाराज ने आंदोलनकारियों को दिया सफलता का मंत्र

क्रांति यात्रा बरसाना से निकलकर पहुंची जड़खोर

आज क्रांति यात्रा को बरसाना में श्री माताजी गौशाला के सभागार में संबोधित करते हुए परम विरक्त संत श्री रमेश बाबा महाराज ने आंदोलनकारियों को कहा कि कृष्ण की सेवा और कृष्ण की आराधना कभी व्यर्थ नहीं जाती है । उन्होंने गीता के श्लोक को उद्घाटित करते हुए कहा जहां धर्म है वही कृष्ण है और जहां कृष्ण है वही विजय है, इसलिए पूरी निष्ठा से ऐसे ही लगे रहो तो एक दिन तुम्हारी विजय अवश्य होगी ।

आज यात्रा बरसाना से चलकर डभाला, रांकोली, नहारा, धमारी, घाटा, सेउ, सुहेरा होते हुए अपने पड़ाव जड़खोर पहुंची । यात्रियों ने सभी ग्रामवासियों को ब्रज के पर्वतों को बचाने के इस आंदोलन में भारी संख्या में उपस्थित रहने का आह्वान किया । सभी ग्रामों के वरिष्ठ नागरिकों ने इस आन्दोलन में हर प्रकार से सम्मिलित होने की बात कही । आंदोलन को धार देने के लिए जड़खोर में आयोजित सभा में पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने सरकार में बैठे उच्च अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बड़ा दुर्भाग्य का प्रश्न है कि अभी तक हम लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सम्मान करते हुए व उन पर विश्वास जताते हुए इस आंदोलन को उग्र एवं व्यापक नहीं किया लेकिन आज प्रतीत हो रहा है कि उन्हीं के ही सचिव इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जब तक यह आंदोलन अत्यंत व्यापक और उग्र नहीं होगा तब तक आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त करने की हमारी न्यायोचित मांग नहीं मानी जाएगी। इस पर अब हम लोगों ने निर्णय लिया है कि ब्रज के पर्वतों की रक्षा की इस अंतिम लड़ाई के लिए ऐसा व्यापक आंदोलन खड़ा करेंगे जिससे समूची राज्य का तंत्र हिल जाएगा लेकिन इसके साथ ही वर्तमान मुख्यमंत्री की छवि भी धूमिल होगी जो हम नहीं चाहते हैं। लेकिन पर्वतों की रक्षा के लिए अब हम हर प्रकार का कदम उठाने के लिए विवश हैं और तत्पर हैं।

राष्ट्रीय यादव नेता महेंद्र सिंह यादव ने भी घोषणा करी है कि सरकार इस इस मुगालते में बिल्कुल ना रहे की यह आंदोलन छोटा है, इस आंदोलन की गूंज पूरे विश्व भर में फैलेगी और सरकार नहीं मानी तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है ब्रज के दिव्य पर्वतों को बचाने की छोटी सी मांग को लेकर इस सरकार का तख्तापलट भी हो सकता है। वहीं आज ग्राम जड़खोर में आयोजित सभा में सैकड़ों गावों के प्रमुख जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। उन्होंने एकमत से आंदोलनकारियों को विश्वास दिलाया कि वे जिस भी स्तर के आंदोलन की योजना बनायेगें, ब्रज का अधिकांश ग्रामीण हर स्थिति में ब्रज के पर्वतों के इस आंदोलन के साथ खड़ा है व हर संभव तरीके से इसमें सहयोग देगा । सभा को कई संतों के अलावा प्रमुख रूप से संरक्षण समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री, महंत शिवराम दास, महंत लक्ष्मण दास, सरपंच सुल्तान, सिंह कुलदीप बैसला, पूर्व विधायक मोतीलाल खरेरा, महेंद्र सिंह यादव, भूरा सिंह राजपूत, सीता मास्टर, नथन सिंह पहलवान, मटोल पटवारी धमारी के प्रेम सिंह आदि उपस्थित रहे।