आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त करने हेतु जारी आंदोलन के 200 वे दिन आंदोनकारियों की क्रांति यात्रा बरसाना पहुंचीं

राजस्थान के मुख्यमंत्री धृतराष्ट्र ना बने; साधु संतों की पुकार सुन ब्रज के पर्वतों की रक्षा अविलंब करें – साध्वी मधुबनी

अगर ब्रज के पर्वत पर खनन बंद नहीं हुआ तो सरकार साधु संतों व ब्रजवासियों से अंतिम लड़ाई के तैयार रहे – आंदोनकारी

ब्रज के पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त करने के लिए विगत 200 दिन से जारी आंदोलन के तहत निकाली जा रही क्रांति यात्रा अपने पड़ाव भैसेड़ा से चलकर बोलखेड़ा,कामां आदि गांव में होते हुए बरसाना पहुंची । बरसाना पहुंचने पर बरसानावासियों ने श्रीमाताजी गोशाला में भव्य स्वागत किया । वहीं कामां के बोलखेड़ा ग्राम पहुंचने पर ग्रामवासियों ने यात्रियों का स्वागत किया व साथ ही ब्रज के पर्वतों के संरक्षण के लिए इस आंदोलन में हर संभव सहयोग देने की बात कही । ब्रज पर्वत संरक्षण समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री ने ब्रजवासियों को अपील करी कि बोलखेड़ा के ब्रजवासी सदैव से ब्रजभूमि ब्रज संस्कृति की रक्षा के लिए तत्पर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत संघर्ष में भी ब्रजवासियों ने कामां व डीग के पहाड़ों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपील करी कि आज पुनः सभी ब्रजवासियों के सहयोग की अपेक्षा है । आगामी कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त करने की अंतिम लड़ाई में भारी संख्या में ब्रजवासी सम्मिलित हो । इस पर सभी ग्रामवासियों ने इस आंदोलन में पूर्ण सहभागिता का प्रण लिया है। वही यात्रा को संबोधित करते हुए साध्वी मधुबनी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को संदेश देते हुए कहा कि वे धृतराष्ट्र बंद कर ब्रज की संस्कृति व की पुरानी संपदा को नष्ट ना होने दें अन्यथा इसके परिणाम पूरे प्रदेश के लिए बड़े प्रतिकूल होंगे उन्होंने कहा विभीषण द्वारा रावण को समझाने कई बार समझाने पर भी वह नहीं माने और इसका परिणाम यह हुआ उनका पूरा फुल भ्रष्ट हो गया है साधु संत सब मुख्यमंत्री को इस यात्रा के माध्यम से समझा रहे हैं बार-बार संदेश दे रहे हैं और अगर वह नहीं समझ पाए तो उनको साधु संतों का प्रकृति का और ईश्वर का रोष झेलना पड़ेगा इसलिए वह अविलंब हमारे परम आराध्य परिवर्तन का जल व आदि बद्री को खनन मुक्त कर संरक्षित घोषित करें । क्रांति यात्रा ने कामां पहुंच कर एसडीएम कार्यालय में भारी संख्या में उपस्थित हो कर सभा का आयोजन किया । सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने कामां की वर्तमान विधायक ज्यादा खान को चेतावनी देते हुए कहा कि वे भारतीय सनातन संस्कृति, ब्रजभूमि, ब्रज संस्कृति व ब्रज आध्यात्मिकता के विश्वव्यापी महत्वता को समझते हुए खनन वासियों का साथ देना बंद करें एवं ब्रज के पर्वतों की विनाश लीला में सहयोग ना दें अन्यथा इसके परिणाम उनके लिए बड़े प्रतिकूल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि वर्तमान विधायक ब्रज के पर्वतों के खनन में संलिप्त हैं एवं खनन माफियों का सहयोग करते हुए हिंदू संस्कृति के प्रतीक ब्रज के इन दिव्य पर्वतों को तोड़ने में अच्छा खासा योगदान दे रही हैं। उन्होंने ने कहा कि हम उन से निवेदन करते हैं कि वे अपने इस जनविरोधी प्रयास को अविलंब बंद कर साधु संतों की पुकार को राजस्थान की सरकार तक पहुंचाएं ताकि कनकाचल व आदिबद्री पर हो रहा विनाशकारी खनन तत्काल बंद करवाया जा सके। वही कामा वासियों ने सभी यात्रियों के साथ मिलकर प्रण लिया कि वे सभी ब्रज के पहाड़ों की रक्षा की अंतिम लड़ाई में संपूर्ण रूप से आंदोलनकारियों के साथ हैं एवं हरसंभव प्रस्तुति से गुजरने के तैयार है। बड़ी संख्या में कामा वासियों ने क्रांति यात्रा में सम्मिलित होकर इस बात का पर संदेश दिया कि वे सब वर्तमान विधायक जायदा खान के खनन में संलिप्त होने के पूर्णता खिलाफ है । सभा को कई गणमान्य लोगों ने संबोधित किया जिनमे राष्ट्रीय यादव नेता महेंद्र सिंह यादव, पूर्व विधायक मोती लाल खरेरा, साध्वी दया, विजय मिश्रा, सत्यप्रकाश यादव, मानमंदिर के सचिव सुनील सिंह, महंत शिवरामदास, कुलदीप बैसला आदि प्रमुख रहे । आज की यात्रा में साधुसंतों व ग्रामीणों के अलावा राजू शर्मा, अभिषेक, यतेंद्र गुलपाडिया, महावीर, विक्रम, निरंजन पंडित उपस्थित रहे ।