क्रांति यात्रा जड़खोर से चलकर आज अपने आखिरी पड़ाव ग्राम पसोपा पहुंची;

आंदोलनकारियों ने ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए अंतिम लड़ाई की करी घोषणा

कल से होगा आमरण अनशन प्रारंभ;11 सदस्यों की करी सूची जारी

क्रांति यात्रा को राजेंद्र दास महाराज ने दिया पूर्ण विजयश्री का आशीर्वाद

आमरण अनशन को लेकर आंदोलनकारियों की तैयारी जोरों पर

आज क्रांति यात्रा जड़खोर से चलकर मोनाका, चुल्हरा, उदयपुरी, काहरिका आदि गांव से होते हुए अपने आखिरी पड़ाव पसोपा पहुंची । आंदोनकारियों ने कल के कार्यक्रम के लिए अपनी तैयारियां को धार दी व हर गाँव मे कल से प्रारम्भ होने वाले आमरण अनशन का प्रचार किया। यात्रा जड़खोर स्थित राजेंद्र दास जी महाराज की गौशाला पहुंची जहां राजेन्द्र दास महाराज ने उपस्थित जन समुदाय के समक्ष आंदोलनकारियों को पूर्ण विजयश्री का आशीर्वाद दिया और कहा कि अगर यह ब्रज के पर्वत, पर्यावरण व लीला स्थल ही नहीं बचेगी तो हम लोग किसकी कथा करेंगे व किसकी आराधना करेंगे ? यह ब्रज के पर्वत व लीला स्थली हर वैष्णव के प्राण है एवं उनका संरक्षण व संवर्धन हर कृष्ण भक्त का सर्वप्रथम कार्य है ।

उन्होंने रमेश बाबा महाराज के बारे कहते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन ही ब्रज संस्कृति व भगवान कृष्ण की लीला स्थलियो की रक्षा के लिए समर्पित रहा है व वह एक युगपुरुष है जिनका हर संकल्प पूर्ण हुआ है। पसोपा पहुंच कर आंदोनकारियों ने ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए अंतिम लड़ाई की घोषणा करते हुए अनशन पर बैठने वाले साधुओं की सूची जारी की। सभा को संबोधित करते हुए राधा कांत शास्त्री ने सरकार को कहा कि सरकार द्वारा हमारी परीक्षा की अति हो गई है एवं अब हम अपनी निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार है। सरकार से हमने कई बार हर स्तर की वार्ता कर ली है लेकिन ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के जो सचिवगण हैं वे किसी बाहरी प्रभाव में आकर उन्हें भ्रमित कर रहे हैं जिससे वे ब्रज के इन पर्वतों की रक्षा के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रहे हैं । अब हमारे पास इस आंदोलन को व्यापक एवं उग्र करने व साथ ही स्वयं का जीवन को न्योछावर करने के आलावा कोई विकल्प नहीं बचा । उन्होंने कहा कि हमने सरकार से बातचीत के अनेक प्रयास किए व इस पक्ष में ही रहे कि हम इस आंदोलन को उग्र ना करें या हमारे आंदोलन से किसी भी प्रकार की हानि अशोक गहलोत की छवि को ना पहुंचे लेकिन अब लगता है की हमें अपनी निर्णायक लड़ाई का बिगुल बजाना ही होगा ।

वहीं संत भूरा बाबा ने कल आमरण अनशन पर बैठने वाले 11 साधुओं की सूची को जारी करी व कहा कि जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानती है हर रोज 10 लोग आमरण अनशन पर बैठना प्रारंभ कर देंगे । इस पर उपस्थित समस्त ग्राम वासियो व जन समुदाय में सरकार के खिलाफ भारी रोष व्याप्त हुआ एवं उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करी है कि अविलंब बज के पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त कर सुरक्षित करें एवं साधु संतों द्वारा उठाए जा रहे हैं इस गंभीर कदम को स्थगित कराएं । साध्वी दया ने कहा कि ब्रज और ब्रज की संस्कृति भारत की पहचान है व इनको नष्ट करना हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता व संप्रभुता को नष्ट करना है एवं जघन्य राष्ट्र द्रोह की श्रेणी में आता है ।राजस्थान के मुख्यमंत्री इस जघन्य अपराध को करने से बचे । पूर्व सरपंच सुल्तान सिंह ने कहा कि सभी ब्रज वासियों को ब्रज भूमि की रक्षा के लिए अब जागना हो व अपना सर्वस्व त्यागने के लिए तत्तपर होना होगा। उन्होंने ने ग्रामीणों को बहुत भारी संख्या में कल पसोपा पहुंचने के लिए कहा जहां साधु संत हमारी ब्रजभूमि व हमारे जीवन की रक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे और साथ ही संदेश दिया कि सभी को एक बढ़ी लड़ाई के लिए कमर कस के तैयार रहना है । सभा को ब्रज के कई गणमान्य लोगों ने संबोधित किया जिनमें प्रमुख रूप से साध्वी गौरी, साध्वी मधुबनी, देवी मंदिर काहरिका की साध्वी कृष्णानंद, डॉक्टर देवो, चुल्हरा के सुघड़ सिंह व विश्राम नेता, बल्लू सरपंच, उदयपुरी के पूर्व सरपंच रामसिंह, काहरिका के शिवराम पहलवान आदि रहे ।