राधे राधे।
२३ दिसंबर २०१५ को मान मंदिर पर पाटोत्सव मनाया जाएगा। १६ नवंबर २००६ को श्री राधा मान बिहारी लाल जी को चोरी कर लिया गया था। ठीक यात्रा के ३ दिनों के बाद। 

अपनी अहेतुकी कृपा, श्री बाबा महाराज के प्रति अपार प्रेम और मान मंदिर के सेवकों के प्रेमधीन, श्री राधा मान बिहारी युगल सरकार १३ दिनों के बाद आश्चर्यजनक तथा चमत्कारी रूप से बांग्लादेश की सीमा से वापिस आ गए। 

चोरी करने वाला राधा रानी ब्रज यात्रा का यात्री था। यह पूछने पर की चोरी क्यों की, उसने बड़ा विचित्र तथा श्रद्धावर्धक उत्तर दिया। 

उस चोर के अनुसार उसने श्री राधा मान बिहारी लाल जी के ४० दिनों के यात्रा में इतने सारे एक के बाद एक, हर रोज़ नित्य नवीन चमत्कार देखे की उसे विश्वास हो गया ये ठाकुर जी तथा श्रीजी का विग्रह जागृत (जो साक्षात बोलते हैं, सुनते है, बातें करते हैं) विग्रह है। और उसने चोरी करने की ठान ली। 

चोरी की ख़बर ब्रज में आग तरह फैली। ब्रजवासीयों में भारी आक्रोश था। चोर के जान लगभग ख़तरे में थी। पर श्री बाबा महाराज जी की और श्री मान बिहारी लाल जी की दया और कृपा तो देखो, उसी चोर को मान मंदिर पर शरण दी। वह चोर अब चोर नहीं रहा। सच्चा साधु हो गया। 

श्री राधा मान बिहारी लाल के वापसीगमन को ही पाटोत्सव के रूप में हर साल मान मंदिर पर मनाया जाता है। 

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