बरसाना की राधारानी ब्रज यात्रा बडी रसमयी है जिसमें नाचते गाते बिल्कुल भी नहीं होता यात्रा श्रम।भग्वन्नाम की मधुर स्वर लहरियों पर स्वतः थिरकने लगते हैं ब्रज बालाओं के पैर। यात्रा के तीसरे दिन सभी यात्री सर्व प्रथम पहुंचे ललिता विवाह स्थल जहाँ मंह्दी लगे हाथों के चिन्ह एवं खिसलनी शिला । ललिता गांव में दाऊ जी महाराज मन्दिर नारायण भट्ट जी की समाधि। देह कुंड एवं ललिता अटा के दर्शन कर सूर्य कुंड सूलोखर होते हुए यात्रा पहुंची

पीली पोखर। अन्त मे ब्रजेश्वर महादेव रावड़ वन पाडर वन कीर्ति कुंड बृशभानु कुंड के दर्शन किये। इस अवसर पर आनद भरे वातावरण मे भी अन्तर्राष्ट्रीय भागवत वक्त्री साध्वी मुरलिका शर्मा ने कुंडों की दुर्दशा पर बडा दुख प्रगट किया और अशा किया कि सभी लीला स्थ्लीय् सरोवरों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिये।